फेसबुक - Facebook

Tuesday, April 14, 2015
18.09.2011

इस पैरोडी का लुत्फ़ उठायें -
मेरे जीने का सहारा फेसबुक
मेरे मरने का सहारा फेसबुक
सुबह हुई फेसबुक
दोपहर हुई फेसबुक
शाम आई फेसबुक
रात होने को है फेसबुक

बत्ती गुल, मोबाईल पे चलता है फेसबुक
कोई नया बन्दा आया दुनिया में
खबर देता है फेसबुक
मरने की घड़ी है
Status अपडेट करता है फेसबुक

पापा ने पूछा 'खाना खा लो"
मम्मी ने कहा- 'बेटा पानी पी लो'
But वो तो Busy  है सिस्टर को दिखाने में फेसबुक

कभी पेज Create करता है
कभी बनता है किसी ग्रुप का Admin 
बस उसे तो मतलब है
Like  और Comments  से
न शादी से न टेंट से
you  Tube  पे जाके करता है
Share  कोई गाना 
नहीं परवाह
सुने चाहे मामा, सुने चाहे नाना

क्लास में है फेसबुक
घर में है फेसबुक
wash  रूम में है फेसबुक
उल- जुलूल फोटो करता है Tag 
चाहे क्लास में भूल जाये अपना Bag 

जानता है-
नज़र भर नहीं देखी उसकी Applications 
फिर भी बार-बार चैक करता है Notifications 
घर भर के Profile  बना डाले उसने
कभी इससे Log  In करता है
कभी उससे Log  In  करता है
पर नज़रों में रहता है बस फेसबुक

कहाँ रही वो ज़मीनी हकीकतें
कहाँ  रहे वो संस्कार
न रहा वो प्रेम
न रहा शाश्वत प्यार 
फेसबुक का इंसान खुश है 
देख कर Virtual  संसार 

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"

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