इश्क सिगरेट की तरह सुलगता है ...

10 years ago


03.06.2014
इश्क सिगरेट की तरह सुलगता है ...
चार कश मदहोशी के और बस फिर दर्द के गोल गोल छल्ले ...
कुछ बादल बनकर जिस्म के बाहर तैरते हैं , कुछ घटा बनकर आँखों में घुमड़ते हैं और बाकी फेफड़ों में हर सांस के साथ हर पल मरते और जिंदा होते हैं !......................
....................( बड़ी मंहगी पड़ती है ये एक डिबिया सिगरेट )
Via Arshana Azmat.....BY: @ Jeevan Deep Vishwakarma

Leave a Comment

Powered by Blogger.