ज़रा-सी ज़िद ने
17.06.2014
पार्टीशन के ऊपर एक
खबसूरत शे'र मुनव्वर राणा साब
का-बिछड़ना उसकी ख़्वाहिश थी, न मेरी आरज़ू लेकिन,
ज़रा-सी ज़िद ने इस आँगन का बँटवारा कराया है।
- Munawwar Rana
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
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behtareen...
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