गर लहू है तो हरकत होनी चाहिए

Tuesday, April 28, 2015


15.08.2013
प्यारे साथियो,
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
 
मुझे समझ नहीं आता की लोग राजनीति को इतनी घ्रणा की नज़र से क्यों देखते हैं .. मैं मानता हूँ की राजनीति पहले से थोड़ी बहुत नहीं बहुत ज्यादा गिरी है.. लेकिन सही मायनों में देखा जाए तो राजनीति आज भी वही है ... बदलाव आया है तो सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने वालों में..
अक्सर बचपन में मज़ाक - मज़ाक में.. राजनीति के क्षेत्र में उतरने की बातें करते थे.. देश को बदलने की बातें करते थे.. महज कोई इसे मज़ाक और हास्यास्पद तरीके से ले सकता है.. ये उसका अपना निर्णय और उसका विचार है.. ..

किसी के ऐसे निर्णयों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता ..
आज अजब संयोग है.. पिछले सालों से और हाल ही में कई महीनों से विचार करने के बाद आज शाम 4 घंटे चली कार्यकारणी की बैठक के बाद फैसला आया है ये हमें उतरना ही होगा.. उस भयंकर दलदल में जिसे लोग इंजिनियर और डॉक्टर न जाने किस अजीब नज़र से देखते हैं..
मेरे मित्रो.. ये हल नहीं है की कह दिया सिस्टम खराब है.. ये सोचना होगा की हमारी क्या भागीदारी है उस सिस्टम को सुधारने में जिसे हम और आप ख़राब कहते है..
और आखिर ये फैसला लिया गया की एक राजनीतिक पार्टी बनायी जाये जो संसद में सदन की गरिमा और मर्यादा का पालन करते हुए सही मायने जन सेवा कर सके और जन सेवक कहलाने का हक रख सके..
सो पार्टी का नाम तय हुआ है-
"भारतीय जन सेवा पार्टी"

अगर लहू है तो हरकत होनी चाहिए
वरना बहने को तो समंदर बहा करते हैं
आपकी साथ की उम्मीद करता हूँ--
- शाहिद "अजनबी"

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