कमबख्त!
16.01.2012
कमबख्त! ये रात भी बड़ी अजीब है गुजरती ही
नहीं.. ..नींद भी न जाने कहाँ गुम हो गयी..
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
Created with by BeautyTemplates | Distributed By Gooyaabi Templates
No comments: