बूँद
ज़िंदगी के दरख्त की शाख पे ठहरी हुई बूँद की मानिंद हो तुम जिसे बरसना अभी बाकी है ....... - शाहिद "अजनबी"
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
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