ग़ज़ल
यहाँ आदमी की नहीं ओहदे की कीमत होती है
ज़िंदगी की ख़ुशी से नहीं ग़मों से जीनत होती है
देखने मैं हर एक इन्सान अच्छा लगता है
मगर बात ये है कैसी उसकी सीरत होती है।
- शाहिद " अजनबी "
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
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These are very gud
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