क्या खूब होती थी उन समोसों की महक

10 years ago



13.03.2012
इत्तेफाक की बात थी की फिर से हम बचपन के साथियों का एक साथ बैठना हुआ.... होली के रंगों ने ज़िन्दगी के पुराने रंग याद दिला दिए.. वक़्त के पहिये को अगर पीछे पीछे घुमाया जाये.. तो इस जगह न जाने कितनी बार मूंगफली और समोसे खाए गए.... क्या खूब होती थी उन समोसों की महक और खाने के बाद मूंगफली के छिलकों में मूंगफली के दानों को ढूंढना ..

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