जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं
ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं..
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं !!
सूखे मेवे भी ये देख कर हैरान हो गए.....
न जाने कब नारियल हिन्दू और खजूर मुसलमान हो गए !!
न मस्जिद को जानते हैं, न शिवालों को जानते हैं...
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं !!
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है...
कि मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है !!
मैं अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो...
लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो !!
- नमालूम
चित्र - साभार - गूगल
No comments: