किसी शायर का कलाम-
01.12.2011
किसी शायर का कलाम-
दुश्मनी करना भी तो इतनी जगह जरूर रखना कि सामने पड़ो तो नज़रें चुरानी न पडें।
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
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