ऐ दोस्त ! चल छोड़ यार

Thursday, April 30, 2015


14.05.2014
ऐ दोस्त !
चल छोड़ यार
कहीं और चलते हैं
सियासत से दूर
बरगद की छाँव में
बचपन के गाँव में
दौड़ते- दौड़ते लग जाए
फिर कोई काँटा
और निकालने को आये
मेरा सबसे अजीज़ यार
 
- शाहिद 'अजनबी'

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