मेरे दुःख की दवा करे कोई
15.04.2013
ग़ालिब सा'ब की आज ये ग़ज़ल बड़ी याद आयी -इब्ने मरियम हुआ करे कोई , मेरे दुःख की दवा करे कोई
बक रहा हूँ जुनूं में क्या क्या कुछ , कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई....
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
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