मेरे दुःख की दवा करे कोई

Tuesday, April 28, 2015


15.04.2013
ग़ालिब सा'ब की आज ये ग़ज़ल बड़ी याद आयी -

इब्ने मरियम हुआ करे कोई , मेरे दुःख की दवा करे कोई
बक रहा हूँ जुनूं में क्या क्या कुछ , कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई....

No comments:

Powered by Blogger.