ख़ुदा सब कुछ दे

Friday, April 17, 2015


30.05.2012
ख़ुदा सब कुछ दे
ग़म-ए- मुहब्बत न दे
ज़िंदगी की रानाई दे
राहे उल्फत न दे
साथ हो के जो साथ न हो
ऐसी कोई सख़ावत न दे
--- शाहिद "अजनबी"

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