शाम जाया कर दी
इक शाम और जाया कर दी हमेशा की तरह देखकर यूँ ही चंद तमाशे और झूठी तालियों के दरमियाँ तमाम बनावटी चेहरे भागती हुई ज़िन्दगी की रेस से ...
सफर तवील है तू मायूस न हो मैं दूर सही मेरी दुआएं तेरे साथ हैं
एक दुनिया ऐसी भी जहाँ सिर्फ , ग़ज़ल, नज़्म , दर्द और पागलपन ...
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